लागत औसत

लागत औसत
औसत लागत और सीमान्त लागत में सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।

लागत औसत

Q.41: औसत लागत वक्र कैसा दिखता है ? यह ऐसा क्यों दिखता है ?

Answer: औसत लागत वक्र :- औसत लागत वक्र अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर ‘U’ की तरह दिखता है।

औसत लागत वक्र की ‘U’ आकृति होने का प्रमुख कारण फर्म को प्राप्त होने वाली आंतरिक बचतें हैं। जिनको निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है।

(1) श्रम संबंधी बचतें :- ये बचतें श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण का परिणाम होती हैं। उत्पादन की मात्रा के स्तर को बढ़ाने पर श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण भी उतना ही सम्भव हो जाता है। फलस्वरूप श्रमिकों की कार्यकुशलता में वृद्धि होती है तथा प्रति ईकाई लागत कम हो जाती है।

(2) तकनीकी बचतें :- उत्पादन की तकनीक में सुधार होने पर फर्म को तकनीकी बचते प्राप्त लागत औसत होती हैं तथा जिनसे उत्पादन की प्रति ईकाई लागत कम हो जाती है।

(3) विपणन बचतें :- उत्पादन की मात्रा बढ़ाने पर फर्म को विक्रय लागतों जैसे – विज्ञापन एवं प्रचार – प्रसार आदि में व्यय अधिक करने की आवश्यकता नहीं होती इससे फर्म के उत्पादन की प्रति ईकाई लागत में कमी हो जाती है।

(4) प्रबंधकीय बचतें :- उत्पादन को दो गुना करने पर फर्म को प्रबंध पर दो गुना व्यय नहीं करना पड़ता जिससे फर्म की प्रति ईकाई लागत में कमी आ जाती है तथा फर्म को प्रबंधकीय बचतें प्राप्त होती हैं।

उपर्युक्त कारणों से प्रारंभ में लागत वक्र गिरते है। उत्पादन की मात्रा में वृद्धि हेतु जब फर्म परिवर्तनशील साधनों की मात्रा में वृद्धि करती है तब उत्पादन का स्तर अनुकूलतम हो जाता है तथा साधनों का आदर्श संयोग स्थापित हो जाता है। यदि फर्म उत्पादन की मात्रा में और अधिक वृद्धि हेतु परिवर्तनशील साधनों को बढ़ाती है तो यह आदर्श संयोग भंग हो जाता है। अतः स्पष्ट है कि प्रारंभ में लागत वक्र गिरते हैं फिर एक बिन्दु पर स्थिर होकर बढ़ते हैं जिससे वह U आकृति के हो जाते हैं।

लागत औसत

प्रश्न 37 : औसत तथा सीमान्त लागतों के अंतर को स्पष्ट कीजिए। उदाहरणों एवं चित्रों की सहायता से बताइये कि सीमान्त लागतें औसत लागतों से कम होंगी, यदि औसत लागतें गिर रही हैं एवं औसत लागते यदि बढ़ रही हैं तो वह उनसे अधिक होगी।

उत्तर: औसत लागत एवं सीमांत लागत

किसी वस्तु की एक निश्चित मात्रा का उत्पादन करने हेतु उत्पादक जितने तरह के खर्च करता है उन सभी के योग को उत्पादन की कुल लागत कहा जाता है। कुल लागत में उत्पादन की स्पष्ट लागते, अस्पष्ट लागतें लागत औसत एवं सामान्य लाभ शामिल होते हैं। कुल लागत में वस्तु की उत्पादित इकाइयों की संख्या का भाग देने से औसत लागत ज्ञात होती है। सूत्र के रूप

कुल लागत में इसे निम्नानुसार व्यक्त किया जा सकता है-

औसत लागत = कुल लागत / उत्पादित इकाइयां

इस तरह औसत लागत उत्पादन की प्रति इकाई लागत है।

वस्तु के उत्पादन में एक अतिरिक्त इकाई की वृद्धि करने पर कुल लागत में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत लागत कहते हैं। उदाहरण के लिए 100 पेन के उत्पादनं की कुल लागत 400 रु. हैं । अगर पेन का उत्पादने 101 इकाइयां कर देने पर कुल लागत बढ़कर 405 रु. हो जाता है 405 - 400 = 5 रु. पेनों के उत्पादन की सीमांत लागत होगी । अतः एक अतिरिक्त इकाई के उत्पादन की लागत को सीमांत लागत कहते हैं ।

उदाहरण द्वारा स्पष्टीकरण- औसत लागत तथा सीमांत लागत को स्पष्ट करने के लिए। एक काल्पनिक तालिका का निर्माण हम निम्नानुसार कर सकते हैं
तालिका (औसत लागत तथा सीमांत लागत)

औसत लागत एवं सीमांत लागत में सम्बन्ध इस प्रकार हैं

(1) जब औसत लागत वक्र बढ़ने लगता है, तब सीमांत लागत वक्र औसत लागत वक्र से ऊपर रहता है। सीमांत लागत में वृद्धि दर, औसत लागत में वृद्धि दर की तुलना में ज्यादा होती है।

(2) क्रमागत उत्पत्ति समता के नियम के अन्तर्गत उत्पादन होने पर औसत लागत तथा सीमांत लागत दोनों एक ही रेखा होती है तथा आधार रेखा QX के समानांतर होती है।

(3) सीमांत लागत वक्र, औसत लागत वक्र को उसके निम्नतम बिन्दु पर काटता है। तथा कटाव बिन्दु के बाद सीमांत लागत वक्र, औसत लागत वक्र से ऊपर रहता है।

(4) औसत लागत और सीमांत लागत दोनों उत्पादन के कुल लागत के आधार पर कुल लागत निकाले जाते हैं, जैसे-

औसत = कुल लागत / उत्पादन की लागत

तथा सीमांत लागत = कुल लागत में परिवर्तन / उत्पादन की मात्रा में एक अतिरिक्त इकाई का परिवर्तन

औसत लागत, उत्पादन के विभिन्न स्तरों पर कुल लागत वक्र की प्रवृत्ति को बताता है, वहीं सीमांत लागत, उत्पादन के एक निश्चित स्तर पर कुल लागत वक्र के ढाल को।

(5) जब औसत लागत गिरती है तो सीमांत लागत, औसत लागत से कम रहती है। अमूनन यह माना जाता है कि जब औसत वक्र गिरता है, तो सीमांत लागत वक्र तीव्र गति से नीचे की ओर गिरता है, पर जब सीमांत लागत न्यूनतम बिन्दु के पश्चात् ऊपर बढ़ने लगती है। तो औसत लागत वक्र नीचे की ओर गिरता ही रहता है।

रेखाचित्र द्वारा स्पष्टीकरण

चित्र में AC वक्र औसत लागत एवं MC सीमांत लागत है, दोनों का स्वरूप अंग्रेजी के अक्षर U के समान है, क्योंकि उत्पादन के क्षेत्र में परिवर्तनशील अनुपातों का नियम लागू होता है। M बिन्दु औसत लागत लागत औसत वक्र का न्यूनतम बिन्दु है। सीमांत लागत वक्र (MC), औसत लागत वक्र (AC) को इसी न्यूनतम बिन्दु M पर नीचे से काटता है एवं कटाव बिन्दु के ऊपर तेजी से बढ़ने लगता है।

M बिन्दु के पूर्व औसत लागत वक्र (AC) ऊपर से नीचे की ओर गिर रहा है तो सीमांत लागत वक्र (MC) भी ऊपर से नीचे की ओर गिर रहा है।

चित्र में M बिन्दु के बाद जब औसत लागत वक्र (AC) ऊपर की ओर बढ़ने लगता है तो सीमांत लागत वक्र (MC) भी बढ़ने लगता है, किन्तु लागत औसत सीमांत लागत वक्र में वृद्धि की दर अधिक है। चित्र से स्पष्ट है कि जब औसत लागत वक्र ऊपर की ओर बढ़ने लगता है तो लागत औसत सीमांत लागत वक्र उससे ऊपर रहता है।

लागत औसत

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औसत लागत और सीमान्त लागत में स .

औसत लागत और सीमान्त लागत में सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।

Solution : जब सीमान्त लागत, औसत लागत से कम होती है तो औसत लागत उत्पाद घटती है।
(ii) जब सीमान्त औसत लागत के बराबर होती है तो औसत लागत न्यूनतम होती है।
(iii) जब सीमान्त लागत औसत, लागत से ज्यादा होती है तो औसत लागत में वृद्धि होती है।

लागत औसत

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सीमांत लागत और औसत लागत क्या ह .

Solution : औसत लागत-कुल लागत को उत्पादन की कुल इकाइयों की संख्या से लागत औसत भाग देने पर जो भागफल आता है उसे प्रति इकाई औसत लागत या औसत लागत कहते हैं।
सीमांत लागत (Marginal Cost)- सीमांत लागत एक इकाई का अधिक उत्पादन करने की अतिरिक्त लागत है। `MC = TC_n - TC_(n-1)` चूंकि अतिरिक्त लागत परिभाषा से ही परिवर्ती होती है (बंधी लागत, परिभाषा के अनुसार, उत्पादन के साथ परिवर्तित नहीं होती। इसका अनुमान निम्न प्रकार से लगाया जा सकता है:
`MC=TVC_n-TVC_(n-1)`

एक फर्म की औसत स्थिर लगत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित है? - कुल उत्पाद, औसत उत्पाद तथा सिमांत उत्पाद

एक फर्म की औसत स्थिर लगत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित है?

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औसत लागत-उत्पादन के प्रति इकाई लागत को औसत लागत कहा जाता है।

औसत लागत (AC) =`"कुल लागत (TC)"/"उत्पादन की मात्रा(Q)"`

औसत परिवर्ती लागत - उत्पादन की प्रति इकाई परिवर्तन लागत को औसत लागत कहा जाता है

औसत परिवर्ती लागत (AVC) = `"कुल परिवर्तन लागत(TVC)"/"उत्पादन की मात्रा(Q)"`

औसत स्थिर लागत – उत्पादन की प्रति इकाई स्थिर लागत को औसत स्थिर लागत कहा जाता है।

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